मोतिहारी: दुषित चिली पनीर पर रेस्टोरेंट मालिक को 1.60 लाख का जुर्माना, उपभोक्ता फोरम का कड़ा फैसला, जानिए पूरा मामला

On: Tuesday, March 25, 2025 11:06 AM
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बिहार के मोतिहारी जिले के एक रेस्टोरेंट मालिक को दुषित चिली पनीर बेचना भारी पड़ गया है। अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट, जो राजा बाजार में स्थित है, के मालिक रामेश्वर साह पर उपभोक्ता फोरम ने एक बड़ा जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उस वक्त लगाया गया जब एक ग्राहक ने चिली पनीर खाकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद रेस्टोरेंट के खिलाफ शिकायत की थी।

दरअसल, कुछ महीने पहले मोतिहारी के दरपा थाना क्षेत्र के निवासी एडवोकेट जितेंद्र कुमार अपने साथियों के साथ अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे थे। उन्होंने वहां चिली पनीर का ऑर्डर दिया और इसके लिए ₹150 का भुगतान किया। जब उन्होंने चिली पनीर खाया, तो कुछ समय बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी। एक घंटे के भीतर पेट में तेज दर्द शुरू हो गया और स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें तत्काल शहर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें दो दिनों तक इलाज करना पड़ा।

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इसके बाद एडवोकेट जितेंद्र कुमार ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत में यह उल्लेख किया गया कि न सिर्फ उन्हें गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा, बल्कि इलाज पर भी उन्होंने भारी खर्च किया। इस सब के बाद उन्होंने रेस्टोरेंट मालिक से मुआवजा मांगा।

फोरम ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए रेस्टोरेंट मालिक रामेश्वर साह को तलब किया। हालांकि, रेस्टोरेंट मालिक खुद सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुए और उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब को भी फोरम ने संतोषजनक नहीं माना। इस पर फोरम ने रेस्टोरेंट मालिक पर ₹1,60,000 का जुर्माना लगा दिया। इस राशि में से ₹150 तो ग्राहक को चिली पनीर की कीमत के रूप में मिलेंगे, और बाकी की राशि के अलावा सात फीसदी ब्याज भी दिया जाएगा।

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फोरम ने इस राशि को एक महीने के भीतर चुकाने का आदेश दिया। यदि रेस्टोरेंट मालिक निर्धारित समय में जुर्माना नहीं चुका पाते हैं, तो उन्हें पूरी राशि सात प्रतिशत ब्याज दर पर चुकानी होगी। इस फैसले ने स्पष्ट कर दिया कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा से संबंधित लापरवाही को लेकर उपभोक्ताओं को न्याय मिलेगा।

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यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकारी मंचों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है। साथ ही यह भी साफ है कि खाद्य उद्योग में गुणवत्ता और सुरक्षा के मानकों का पालन करना अनिवार्य है।

अब देखना यह होगा कि रेस्टोरेंट मालिक इस फैसले के खिलाफ अपील करते हैं या नहीं, लेकिन इस मामले ने स्थानीय रेस्टोरेंट संचालकों के लिए एक चेतावनी का काम किया है।

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