जिस वृद्ध महिला के परिजनों ने उसे मृत मानकर आज से 17 साल पहले श्राद्ध कर्म कर दिया था, वही महिला 21 वर्ष बाद अपने घर पहुंच गई. महिला को एक चैरिटी संस्था के लोग लेकर आए थे. महिला की पहचान उसके बेटे ने फोन पर देखने के बाद की. वहीं पूरे गांव में यह खबर सनसनी की तरह फैल गई. मामला सारण जिले के गौरा थाना क्षेत्र के सलीमापुर गांव का है. अब इस खबर की पूरे इलाके में चर्चा है.
मिली जानकारी के अनुसार, सलीमापुर के निवासी स्व. भगवान साह की पत्नी प्रभावती देवी 2003 में कोलकाता के बांस बेरिया जुट मिल के पास सब्जी मंडी से गुम हो गई थीं. महिला के परिजन उसी मंडी में सब्जी की दुकान लगाते थे. तब महिला की मानसिक स्थिति भी सही नहीं थी. खबर के अनुसार, प्रभावती देवी के गायब होने पर उनके परिजनों ने दो-तीन सालों तक उनकी खूब खोजबीन की, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली. इसके बाद परिजनों ने 2007 में उनका श्राद्ध कर्म कर दिया.
चैरिटी संस्था ने की मदद
महिला के गायब होने के बाद उसकी मदद मदर टेरेसा नाम की चैरिटी संस्था ने की. चैरिटी के सदस्यों के अनुसार, करीब एक साल पहले प्रभावती देवी उन लोगों को तारातल्ला इलाके में मिलीं. उनकी मानसिक हालत सही नहीं थी. इसके बाद चैरिटी के लोग महिला को अपने साथ लेकर चले गए. महिला की पूरी देखभाल की गई. साथ ही उनका इलाज भी कराया गया. प्रभावती देवी की हालात में वक्त गुजरने के साथ सुधार भी हुआ.
इसके बाद उन्होंने अपने नाम के साथ ही अपने बेटे का नाम और अपने पूरे गांव का पता भी बताया, जिसके बाद चैरिटी के लोग उनको अपने साथ लेकर सारण जिले आए. हालांकि चैरिटी की महिला सदस्यों ने अपना नाम नहीं बताया. महिला को परिजनों को सौंपने के साथ ही उसकी दवाइयां भी सौंपी और देखभाल करने के सलाह के साथ ही सभी महिला सदस्य लौट गईं.
देवर और मुखिया प्रतिनिधि से हुई मुलाकात
गत शनिवार की दोपहर जब मदर टेरेसा संस्था की महिलाएं प्रभावती देवी को लेकर सलीमापुर स्थित घर पहुंचीं, तब उनकी मुलाकात प्रभावती देवी के देवर शिवकुमार साह और मुखिया प्रतिनिधि विजय कुमार सिंह उर्फ मुन्ना ठाकुर से हुई. मामले की जानकारी मिलते ही पूरे गांव वालों की भीड़ उमड पड़ी. मिली खबर के अनुसार, महिला के पति की मौत एक वर्ष पहले हो चुकी है. उनके चार बेटे हैं और सभी रोजगार के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में रहते हैं. महिला की पहचान उनके बेटे संतोष कुमार साह ने मोबाइल फोन पर की.
देख हो, संतोष के माई आ गईली
जानकारी के अनुसार, जैसे ही वृद्ध महिला प्रभावती देवी घर पहुंचीं, आसपास की महिलाओं और पुरुषों की भीड़ उन्हें देखने के लिए पहुंचने लगी. इस दौरान सभी एक-दूसरे से देख हो, संतोष के माई आ गईली, कहते रहे. महिलाएं उनका हालचाल भी पूछती रहीं, जिसका जवाब प्रभावती देवी ने हां में दिया. प्रभावती देवी अभी पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं हैं और बढ़ती उम्र के कारण वह ज्यादा बोल भी नहीं पा रही हैं, लेकिन अपनों के बीच आकर वह खुश थीं और लोगों की पहचान भी करने लगी थीं.
महिला के बेटे परदेश से घर आने की तैयारी में लगे
इधर इतने लंबे वक्त के बाद अपनी मां के आने की बात सुनकर प्रभावती देवी के चारों बेटे राजेश कुमार साह, संतोष कुमार साह, सनोज कुमार साह और शेरू कुमार साह हैं… सबकी शादी हो चुकी है और सभी लोग अपने परिवार के साथ मुंबई, कोलकाता सहित देश के अन्य राज्यों में रहते हैं. अपनी मां को देखने के लिए बेटों और परिवार के अन्य सदस्यों का वीडियो कॉल आना शुरू है. सभी लोग अब परदेश से आने की तैयारी कर रहे हैं. फिलहाल प्रभावती देवी की देखभाल उनके देवर और देवरानी कर रहे हैं.