बिहार

Manish Kashyap का दोस्त नागेश भी अरेस्ट, फर्जी वीडियो शेयर करने में थी अहम भूमिका, पहले भी जा चुका है जेल

पटना. तमिलनाडु में बिहार प्रवासियों पर हमले के फर्जी वीडियो साझा करने के मामले में मनीष कश्यप (Manish Kashyap) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मनीष कश्यप के साथी को गिरफ्तार किया है. नागेश कश्यप ( (Nagesh Kashyap)) पर आरोप है कि वह सोशल मीडिया पर मनीष कश्यप के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार कर रहा था. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बुधवार को यूट्यूबर मनीष कश्यप के एक दोस्त नागेश कश्यप को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि तमिलनाडु (Tamilnadu)  में बिहार प्रवासियों पर हमले के फर्जी वीडियो (Fake Video) साझा करने में नागेश की अहम भूमिका थी.

आर्थिक अपराध इकाई की माने तो नागेश कश्यप मनीष कश्यप का पुराना एसोसिएट है. पटना में कश्मीरी लोगों के साथ मारपीट की घटना में नागेश कश्यप जेल जा चुका है. फुलवारी में एनआरसी सीए दंगे में भी नागेश कश्यप जेल गया था. आरोपित की पहचान नागेश कश्यप के रूप में हुई है. तमिलनाडु फर्जी वीडियो मामले में मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के बाद नागेश कश्यप सोशल मीडिया पर  भी बड़े पैमाने पर उसके लिए प्रचार कर रहा था.

आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों की माने तो मनीष कश्यप के कई दोस्त हैं, जो सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो अपलोड करने और प्रचार करने में शामिल है. अभी नागेश को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया जाएगा. मनीष कश्यप को एक दिन की रिमांड पर लेकर EOU पूछताछ कर रही है. इस पूछताछ में तमिलनाडु पुलिस भी शामिल है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, ईओयू मनीष कश्यप की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए फिर से कोर्ट जाएगी. ईओयू के पास सवालों की लंबी सूची है. इसमें फर्जी वीडियो शेयर करने के उद्देश्य से लेकर पूरी साजिश में शामिल नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाना है.

कोचिंग संस्थानों को भी भेजा गया नोटिस 

इसके अलावा वित्तीय लेन-देन को लेकर भी सवाल-जवाब किये गये. ऐसे में एक दिन की रिमांड पुलिस को कम लग रही है. पुलिस कम से कम पांच से सात दिन की रिमांड के लिए फिर से आवेदन कर सकती है. यूट्यूबर मनीष कश्यप और यूट्यूब चैनल से जुड़े खातों की जांच के बाद आधा दर्जन कोचिंग संस्थानों को भी ईओयू ने नोटिस जारी किया है. इनमें प्रतियोगी परीक्षा कराने वाले  कोचिंग संस्थान शामिल हैं. इनके और मनीष के बीच पैसों के लेन-देन के साक्ष्य भी आर्थिक अपराध इकाई को मिले हैं ईओयू को मिले हैं.

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