बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी पिछले काफी दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. बुधवार को अभ्यर्थी बीपीएससी कार्यलय जा रही थे कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. अब इस मामले पर डीएसपी अनु कुमारी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उनका कहना है कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के बल का प्रयोग किया था.
BPSC की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी पिछले 9 दिनों से सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द BPSC की संयुक्त परीक्षा को रद्द किया जाए और नए तरीके से परीक्षा आयोजित की जाए. इस आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए अभ्यर्थी बुधवार को BPSC कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे. इसी दौरान पुलिस की टीम ने उन पर बुरी तरह से लाठीचार्ज कर दिया.
डीएसपी अनु कुमारी ने क्या कहा?
इस लाठी चार्ज को लेकर अब डीएसपी अनु कुमारी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. डीएसपी अनु कुमारी ने कहा कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग किया था. उन्होंने आगे बताया कि 23 दिसंबर को BPSC अभ्यर्थियों ने गर्दनीबाग के एक अस्पताल में तोड़फोड़ की थी. 25 दिसंबर यानी बुधवार को अभ्यर्थियों ने बीपीएससी कार्यालय का घेराव किया. छात्रों ने यह प्रदर्शन बिना किसी अनुमति के किया था, जिस कारण से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही थी.
‘अभ्यर्थी हटने को नहीं थे तैयार’
नेहरू सड़क राजधानी की सबसे व्यस्त सड़क है. यह पहले से ही प्रतिबंधित सड़क है, जहां अभ्यर्थी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे. DSP ने कहा कि भीड़ को हटाने के लिए प्रशासन लगातार समझाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अभ्यर्थी हटने को तैयार नहीं थे बल्कि और ज्यादा उग्र होने लगे थे. इसके बाद स्थिति को देखते हुए भीड़ को इधर-उधर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग किया था.
पुलिस ने दर्ज की FIR
पुलिस का कहना है कि इस दौरान किसी को भी किसी भी तरह की क्षति नहीं पहुंची. गर्दनीबाग के अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के सबंध में भीड़ को उकसाने वाले और तोड़फोड़ करने वाले संबंधित छात्रों, शिक्षकों और अन्य लोगों के खिलाफ गर्दनीबाग थाने में FIR दर्ज की गई हैं. साथ ही पुलिस ने किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देने की अपील की है.