बिहार में आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने और पुलिस की सक्रियता को बढ़ाने के लिए डायल-112 का रिस्पांस टाइम घटाने की तैयारी हो रही है। अभी डायल-112 पर कॉल करने पर पुलिस की गाड़ी औसतन 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचती है। इसे कम करके शहरी क्षेत्रों में 10 मिनट और विशेष रूप से पटना में 5 मिनट करने की योजना बनाई जा रही है।
बिहार देश के टॉप-5 राज्यों में आएगा
रिस्पांस टाइम में सुधार के प्रयासों से बिहार का स्थान देश के टॉप-5 राज्यों में आ सकता है। वर्तमान में, कॉल का जवाब देने और कार्रवाई शुरू करने में बिहार देशभर में दूसरे स्थान पर है, जबकि घटनास्थल पर पहुंचने के समय में सातवें स्थान पर है।
अतिरिक्त वाहनों की खरीद और तैनाती
पुलिस विभाग आने वाले महीनों में अतिरिक्त पेट्रोलिंग वाहनों की खरीद करेगा। इन वाहनों को संवेदनशील इलाकों और जाम प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, ताकि पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में अधिक समय न लगे। हाईवे पेट्रोलिंग को भी आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है, जिससे सड़क जाम और बेतरतीब गाड़ी चलाने वालों पर नियंत्रण किया जा सके।
2025 तक 15 लाख लोगों को सेवा का लक्ष्य
राज्य सरकार का लक्ष्य 2025 तक 15 लाख लोगों को आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराना है। फिलहाल, डायल-112 पर रोजाना लगभग 72 हजार कॉल आते हैं, जिनमें से 5 से 5.5 हजार कॉल्स पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है। इनमें आपराधिक घटनाएं, घरेलू हिंसा, वाहन चोरी, और दुर्घटनाओं से जुड़े मामले शामिल हैं।
हाई-वे पेट्रोलिंग और सुरक्षित सफर सुविधा
डायल-112 के तहत राज्य में 1,833 वाहनों को तैनात किया गया है, जिनकी संख्या नए वर्ष में बढ़ाकर 2,500 करने की योजना है। साथ ही, महिलाओं के लिए 24×7 मुफ्त सेवा “सुरक्षित सफर सुविधा” की शुरुआत 15 सितंबर से की गई है। यह सेवा महिलाओं को सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करती है।
सफलता की कहानियां
मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, छपरा और पटना समेत अन्य जिलों में डायल-112 की टीम ने सक्रियता से अपहरण और वाहन चोरी जैसे मामलों में सफलता पाई है। इसके अतिरिक्त, एंबुलेंस और अग्निशमन सेवा जैसी सुविधाएं भी डायल-112 के तहत उपलब्ध कराई जा रही हैं।
आपात सेवाओं में सुधार की दिशा में कदम
पिछले दो वर्षों में डायल-112 ने 20 लाख से अधिक लोगों को आपात सेवाएं दी हैं। रिस्पांस टाइम को कम करने और सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के ये प्रयास राज्य में अपराध नियंत्रण और आपातकालीन सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।