Bihar

अधूरे पुल की डेंटिंग-पेंटिंग: 11 साल में 48 करोड़ खर्च, फिर भी अधूरा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों प्रगति यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान राज्य में विकास कार्यों की समीक्षा हो रही है। लेकिन, इसी बीच मुजफ्फरपुर जिले के चंदवारा घाट पर बूढ़ी गंडक नदी पर अधूरे पुल का मामला चर्चा में है। यह पुल, जिसे चार साल में बनकर तैयार होना था, 11 साल बाद भी निर्माणाधीन है और अब तक इस पर 48 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए अधूरे पुल की डेंटिंग-पेंटिंग की जा रही है, मानो इसे उद्घाटन के लिए तैयार किया जा रहा हो।

अधूरे पुल पर चल रहा है तेज़ी से रंगाई का काम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 27 दिसंबर को प्रगति यात्रा के तहत मुजफ्फरपुर जिले में आने वाले हैं। इस यात्रा के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारियों ने तैयारियों को गति दी है। चंदवारा पुल की रंगाई-पुताई रात-दिन चल रही है ताकि मुख्यमंत्री के आगमन से पहले इसे दुरुस्त दिखाया जा सके। मजदूर और स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर इस पुल पर काम कर रहे हैं। यहां तक कि छोटे बच्चे भी इस अधूरे पुल पर चढ़ते हुए देखे गए हैं।

2014 में हुआ था शिलान्यास, 2018 तक बनना था तैयार

चंदवारा पुल का शिलान्यास 2014-15 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था और इसे 2018 तक पूरा होना था। लेकिन 2024 समाप्त होने वाला है, फिर भी पुल का निर्माण अधूरा है। इस पुल के बनने से शहर के पूर्वी हिस्से को एनएच-57 से जोड़ा जाना था, जिससे दरभंगा की ओर जाने वाली दूरी 10-15 किलोमीटर कम हो जाती। हालांकि, पुल निर्माण के दौरान कई तकनीकी समस्याएं सामने आईं।

पुल का पाया कभी धंस गया तो कभी टेढ़ा हो गया। जैसे-तैसे पुल तैयार किया गया, लेकिन अप्रोच रोड के लिए भूमि अधिग्रहण की समस्या ने निर्माण कार्य को और बाधित कर दिया। 14 फरवरी को मुख्यमंत्री के आदेश पर भूमि अधिग्रहण की राशि जारी कर दी गई थी, लेकिन 10 महीने बीतने के बाद भी अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हुआ।

जिलाधिकारी ने दी जानकारी

मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि पुल निर्माण से जुड़ी सभी समस्याओं को सुलझा लिया गया है। पुल का उद्घाटन 2025 में करने की योजना है और नए साल में शहरवासियों को इसका तोहफा मिलेगा। प्रशासनिक अधिकारी अब यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान जिले की अन्य विकास परियोजनाएं भी पूरी तरह से तैयार हों।

लोगों में नाराज़गी

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का निर्माण कार्य इतने वर्षों से लंबित है, जिससे उनके लिए आवागमन में परेशानी होती है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब पुल तैयार ही नहीं है तो इसकी रंगाई-पुताई किस उद्देश्य से की जा रही है।

प्रगति यात्रा के दौरान अधूरे चंदवारा पुल का मामला बिहार में विकास कार्यों की गति और प्रशासनिक प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करता है। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां भले ही जोर-शोर से चल रही हों, लेकिन आम जनता के लिए पुल का अधूरा निर्माण एक बड़ी समस्या बना हुआ है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button