DESK: बिहार में जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा अब 44 पर पहुंच गया है। सीवान के भगवानपुर हाट प्रखंड की माघर और कौड़ियां पंचायत के चार लोगों की मौत गुरुवार देर रात से शुक्रवार की सुबह तक हो गई। अब यहां मृतकों की संख्या 28 हो गई है। वहीं सारण में शुक्रवार को एक व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि एक का गंभीर स्थिति में पटना के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके साथ ही सारण में मरने वालों की संख्या 15 पहुंच गई। गोपालगंज में भी एक व्यक्ति की मौत गुरुवार को हुई थी।
उधर, शराब धंधेबाजों के खिलाफ दोनों जिलों में छापेमारी तेज कर दी गई है। सीवान में पुलिस ने अबतक कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरे जिले में शराब धंधेबाजों के खिलाफ छापेमारी जारी है। सारण में भी ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है। तीन टीमें जिलेभर में छापेमारी कर रही हैं। शुक्रवार को 75 स्थानों पर छापेमारी हुई। शराब के 62 धंधेबाज पकड़े गये। गंडामन के कई घरों में एडिशनल एसपी (हेडक्वार्टर) ने छापेमारी करवाई। गुरुवार को भी 37 से अधिक लोग पकड़े गए थे। इनमें दो महिलाएं भी थीं।
सीवान जिला प्रशासन ने बताया गया है कि अब तक इस कांड में बीमार 79 बीमार व्यक्तियों को सीवान सदर अस्पताल, बसंतपुर सीएचसी एवं पीएमसीएच में इलाज हेतु भर्ती करवाया गया था। इनमें से 28 की मौत हो गई। शवों का पोस्टमार्टम करवा कर मृत शरीर को परिजनों को सौंप दिया गया है। वर्तमान में आठ का इलाज सदर अस्पताल सीवान में चल रहा है। प्रभावित पंचायतों के सभी वार्डों में एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका जीविका दीदी, विकास मित्र व सभी पंचायत स्तरीय कर्मी डोर-टू-डोर भ्रमण कर गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान कर रहे हैं।
जहरीली शराब की आंच शुक्रवार को मशरक के खजुरी व गनौली गांव तक पहुंच गयी। गुरुवार की रात से दोनों गांव से एक-एक कर कुल 12 लोग मशरक सीएचसी इलाज के लिए लाए गए। इनमें पांच को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया। पटना जाने के क्रम में खजुरी के 50 वर्षीय हीरा महतो की मौत हो गई। उनका शव लेकर परिजन गांव लौटे व पुलिस को सूचित किया।
इधर जजौली पंचायत के पूर्व मुखिया बलि बिशनपुरा गांव निवासी महेश सिंह के छोटे भाई राजेश सिंह, 58 वर्ष की हालत खराब होने पर परिजनों ने पटना के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। मालूम हो कि मंगलवार को चार लोगों की मौत हुई थी। जिले के तीन प्रखंडों मशरक, पानापुर व मढौरा के आठ गांव इस शराब कांड से प्रभावित हैं। इन गांवों में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। सबसे अधिक मशरक के पांच गांवों के 11 लोगों की मौत हुई है। पानापुर व मढौरा में दो-दो की जान गई है।