DESK: कुछ दिन पहले ही बिहार पुलिस में दारोगा का पद पाकर पूरे देश में चर्चा का केंद्र बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा मधु का परिवार फिर चर्चा में है. मधु के परिवार वालों ने यह आरोप लगाया है कि उनके पैतृक स्थान पर गांव वालों ने मारपीट की है. उन्होंने गांव वालों पर कई आरोप भी लगाए हैं, जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है. सारा मामला झूठा है. बहरहाल मामला अब थाने तक पहुंच गया है. पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और जांच की जा रही है.
मामला बांका जिले के पंजवारा थाना अंतर्गत पंजवारा गांव का है. करीब एक सप्ताह पहले मधु के पैतृक गांव में कुछ लोग उसके आवास पर पहुंचे और घर के लोगों के साथ मारपीट की. इस घटना में मधु के भाई मुनमुन कुमार सिंह के कान पर चोट लगी, जिसके बाद उनके सुनने की क्षमता पर असर पड़ा है. इस घटना के बाद मुनमुन ने पंजवारा थाने में लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई.
गांव के कई लोगों पर आरोप
मुनमुन कुमार सिंह ने दिए गए आवेदन में बताया कि मैं अपने पुश्तैनी जमीन पर नव निर्माण कर रहा था और सीढ़ी बनवाने का कार्य कर रहा था. इस दौरान मेरे घर में पास के ही 20 से 25 आदमी घुस कर मारपीट करने लगा. इनमें राजा सिंह, आनंद सिंह, ललित किशोर सिंह, अंकित कुमार, एवं अन्य लोग शामिल थे. इन सभी ने मेरे साथ मारपीट की एवं मेरी ट्रांसजेंडर बहन के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया.
साथ ही जान से मारने की भी धमकी दी. मुनमुन ने यह आरोप भी लगाया कि इन सभी का यह भी कहना था कि तुम्हारी बहन, जो दारोगा बनी है, उसकी वजह से मेरे समाज में शादी विवाह होने में दिक्कत हो गई है. तुम्हारी बहन किन्नर है. यही सब बोलते हुए सभी लोग मेरे घर से चले गए. मुनमुन ने यह भी कहा कि ये लोग मेरी मां, बहन को ताने भी मारते हैं.
झूठे हैं सारे आरोप
वहीं इस मामले में आरोपी बनाए गए गुड्डन मिश्रा ने कहा कि जितने भी आरोप लोगों पर लगाए गए हैं, वह सारे झूठे हैं. मधु के भाई मुनमुन कुमार सिंह दुर्गा पूजा समिति के सदस्य हैं. गोड्डा-पंजवारा सड़क पर करीब आधे किलोमीटर अंदर मां दुर्गा पूजा का पंडाल बनना था, लेकिन मधु के भाई मुनमुन ने अतिक्रमण कर लिया था. इसी बात को लेकर समिति के कई सदस्यों ने उनसे अतिक्रमण हटाने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने विरोध किया.
हम सभी एक ही जगह के रहने वाले हैं. इसके बाद समिति की तरफ से इस संबंध में प्रशासन से शिकायत की गई. प्रशास ने मौके पर मुआयना किया और काम रुकवा दिया. इसके बाद आवेदन भी दिया गया. हमारी कभी उनसे इस तरह की बातचीत नहीं हुई. जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह सारे झूठे आरोप हैं. केस कर दिया गया है तो हमने भी अपनी बातों को थाने में रख दिया है.
दोनों पक्षों से मिला आवेदन
वहीं इस पूरे मामले पर पंजवारा थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि मामला भूमि विवाद का है. दोनों पक्ष के द्वारा आवेदन दिया गया था. केस दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है.
कौन हैं दारोगा मधु मानवी कश्यप?
बता दें कि इसी साल जुलाई महीने में जब बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दारोगा के 1,275 पदों के लिए अपना फाइनल रिजल्ट जारी किया था तो इसमें तीन ट्रांसजेंडर सफल हुए थे. इनमें दो ट्रांसमैन, जबकि एक मधु मानवी कश्यप इकलौती ट्रांस वूमेन सफलता पाने वालों में से थीं. अपनी सफलता के बाद मधु रातों-रात पूरे देश में चर्चा में आ गई थीं.