बिहार

आज से बिहार विधानमंडल का बजट सत्र: सदन के भीतर नजर आएगी बाहर की सरगर्मी, भाजपा इन मुद्दों पर रहेगी आक्रामक

पटना। बिहार विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सदन में विधायी कार्य तो रुटीन के अनुसार ही होंगे, लेकिन एक हद तक इसमें लोकसभा के अगले चुनाव की तैयारी की झलक भी दिखेगी। इन दिनों बाहर जिस तरह की राजनीतिक सरगर्मी है, उसका असर सदन के अंदर भी नजर आएगा। विपक्षी भाजपा के सदस्य आक्रामक रहेंगे तो सत्तारूढ़ दल के सदस्य भी बचाव की मुद्रा में नहीं रहेंगे, क्योंकि दोनों के पास एक-दूसरे पर प्रहार करने के लिए एक से बढ़कर एक मुद्दे हैं।

भाजपा इन दिनों कानून व्यवस्था के मोर्चे पर अधिक मुखर है। सारण या जेठुली की घटना के बाद वहां पहुंचे भाजपा के जन प्रतिनिधि पीड़ितों से यह वादा किए हैं कि इन घटनाओं का उल्लेख वे विधानसभा में भी करेंगे। भाजपा अपराध की सामान्य घटनाओं की सूची बना रही है। इसके माध्यम से उसके सदस्य सदन में बताएंगे कि जंगलराज आ ही गया है। स्वाभाविक रूप से सत्तारूढ़ दल इस तरह के आरोपों का प्रतिकार करेगा। इसके अलावा रोजगार और सरकारी योजनाओं में घपले-घोटाले को भी सदन में जोर-शोर से उठाया जाएगा।

सत्तारूढ़ दल भी केंद्र सरकार की कथित भेदभावपूर्ण नीति को लेकर भाजपा पर हमलावर रहेगा। विशेषकर यह कि केंद्रीय बजट में बिहार की अनदेखी की गई है। विशेष आर्थिक सहायता की बात तो दूर, उचित व अनिवार्य सहायता भी नहीं मिल रही है। ऐसी योजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को अपने संसाधनों से जुटाए गए धन को खर्च करना पड़ता है।

कुल 22 बैठकें होंगी

बजट सत्र के दौरान कुल 22 बैठकें होंगी। मंगलवार को वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत करेंगे। अगले दिन से राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। एक मार्च को इस पर सरकार का उत्तर होगा। उसके बाद वित्तीय कार्य होंगे। आठ और नौ मार्च को होली के कारण सदन की बैठक नहीं होगी। दोनों सदनों की कार्यवाही पांच अप्रैल तक चलेगी।

संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे राज्यपाल

राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर साेमवार को बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबाेधित करेंगे। राज्यपाल का संबोधन विधानमंडल के विस्तारित भवन के सेंट्रल हाल में होगा। इसके लिए 11.30 बजे का समय निर्धारित है। वर्तमान राज्यपाल पहली बार बिहार विधानमंडल के सत्र को संबोधित करेंगे। उसके बाद विधानमंडल के सदस्य अपने-अपने सदन में वापस आ जाएंगे।

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी वित्तीय वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे। सोमवार के लिए निर्धारित कार्यवाही के अनुसार, बिहार विधानमंडल के सत्र में नहीं रहने की अवधि में राज्यपाल की ओर से प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रति सदन के पटल पर रखी जाएगी। अंत में शोक प्रकाश होगा।

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