नालंदा जिले के बिहारशरीफ सदर अस्पताल में एक अजीबोगरीब घटना ने लोगों के होश उड़ा दिए। एक युवक, जिसे मृत समझकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा था, अचानक स्ट्रेचर से उठ खड़ा हुआ, जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया।
यह घटना तब शुरू हुई जब सुबह से ही अस्पताल के पहले मंजिल पर स्थित शौचालय का दरवाजा अंदर से बंद पाया गया। सफाईकर्मी ने जब पुलिस को इसकी सूचना दी, तो पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर देखा। वहां एक युवक फर्श पर पड़ा हुआ था। पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों ने बिना उसकी नब्ज चेक किए ही उसे मृत मान लिया।
पोस्टमार्टम के लिए तैयारी
शौचालय में शव मिलने की खबर से अस्पताल में खलबली मच गई। पुलिस ने युवक को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का इंतजार किया। इसी बीच सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह को सूचना मिली और वे भी मौके पर पहुंचे। बिना नब्ज चेक किए उन्होंने युवक को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का आदेश दिया।
युवक का जिंदा होना
जैसे ही युवक के कानों तक यह बात पहुंची कि उसे पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा है, वह अचानक उठ खड़ा हुआ। यह देखकर सिविल सर्जन समेत अस्पताल में मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। पहले जिसे मृत समझा जा रहा था, वह अचानक जिंदा होकर खड़ा हो गया, जिससे वहां मौजूद सभी लोग सकते में आ गए। बाद में जब इस बात का पता चला कि उसकी नब्ज जांचे बिना ही उसे मृत घोषित कर दिया गया था, तो लोग हंसी में फूट पड़े।
युवक कौन था?
युवक की पहचान राकेश कुमार के रूप में हुई, जो अस्थावां के जिराइन गांव का निवासी है। वह नशे की हालत में सदर अस्पताल में दवा लेने आया था और शौचालय में बेहोश होकर गिर गया था। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और थाना ले गई। घटना के बाद अस्पताल में लोगों की भीड़ जमा हो गई, जो इस विचित्र घटना को देखने आए थे।
यह घटना बताती है कि किसी व्यक्ति को मृत घोषित करने से पहले उसकी नब्ज और अन्य जीवन के संकेतों की जांच बेहद जरूरी है।