बिहार के प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बने आईपीएस शिवदीप वामनराव लांडे का इस्तीफा आखिरकार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, गृह मंत्रालय ने उनके इस्तीफे को 13 जनवरी 2025 से प्रभावी मानते हुए स्वीकृति प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि शिवदीप लांडे ने 19 सितंबर 2024 को अपने पद से त्यागपत्र दिया था, जिसे उन्होंने फेसबुक के माध्यम से सार्वजनिक किया था।
शिवदीप लांडे: बिहार के सुपरकॉप की कहानी
बिहार कैडर के 2006 बैच के अधिकारी शिवदीप लांडे को उनके कर्तव्यनिष्ठ और तेज-तर्रार कार्यशैली के लिए जाना जाता है। पूर्णिया के आईजी रहते हुए उन्होंने अपराध नियंत्रण में कई उल्लेखनीय कदम उठाए। इस्तीफे के बाद फेसबुक पर अपने संदेश में उन्होंने बिहार और उसकी जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने लिखा, “पिछले 18 वर्षों में मैंने बिहार को अपने परिवार से भी ऊपर माना।”
इस्तीफे के पीछे निजी कारण
शिवदीप लांडे ने अपने इस्तीफे की वजह स्पष्ट रूप से नहीं बताई, लेकिन इसे उन्होंने निजी कारणों से उठाया गया कदम बताया। सोशल मीडिया पर साझा की गई उनकी भावनात्मक पोस्ट में उन्होंने बिहार को अपनी कर्मभूमि बताते हुए यहां बने रहने का संकल्प लिया।
जनता और सहयोगियों में मायूसी
शिवदीप लांडे के इस्तीफे से उनके प्रशंसकों और सहयोगियों के बीच मायूसी देखी जा रही है। उनकी सेवा के दौरान उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा, अपराधियों पर नकेल कसने और प्रशासनिक सुधार में अपनी छवि स्थापित की।
उनके इस फैसले ने जहां एक ओर प्रशासनिक जगत को झकझोर दिया है, वहीं जनता के बीच इस बात की चर्चा है कि आगे वह किस भूमिका में नजर आएंगे। लांडे का कहना है कि वह बिहार में ही रहकर अपने तरीके से समाजसेवा और सुधार कार्यों में सक्रिय रहेंगे।