Bihar Land Survey: पटना. बिहार में चल रहे जमीन सर्वे की समय सीमा और बढ़ सकती है. विभाग की ओर से निर्धारित समय में दाखिल-खारिज के आवेदनों का निष्पादन मुश्किल लग रहा है. सितंबर तक अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज के 6 लाख के आसपास मामले अटके पड़े हैं. राजस्व विभाग ने नवंबर तक 4 लाख 70 हजार मामलों को निपटाने का आदेश दे रखा है. सभी अधिकारियों को नवंबर तक 70% लंबित मामलों को निपटाने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा, ‘परिमार्जन प्लस’ पोर्टल पर आए आवेदनों में से 50% को अक्टूबर तक निपटाने का लक्ष्य है.
नहीं हो पा रहा रिकॉड अपडेट
बिहार में जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करने की प्रक्रिया, जिसे दाखिल-खारिज कहते हैं, उसमें बहुत देरी हो रही है. जमीन के रिकॉर्ड अपडेट ना होने की वजह से जमीन सर्वेक्षण में भी देरी हो रही है. लोग अपनी जमीन की जानकारी समय पर नहीं दे पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास जमीन के कागज़ात अपडेट नहीं हैं. सरकार चाहती है कि जमीन के असली मालिकों की पहचान हो सके और इसके लिए वह सर्वेक्षण कर रही है. लेकिन दाखिल-खारिज में देरी से यह काम प्रभावित हो रहा है.
इस कारण हो रही देरी
विभागीय सूत्रों के अनुसार करीब 6 लाख मामले अंचल कार्यालयों में लंबित पड़े हैं. राजस्व और भूमि सुधार विभाग के मुताबिक, आवेदनों में गलतियां होने की वजह से देरी हो रही है. पहले अंचल अधिकारी इन गलतियों को खुद ठीक कर सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. गलत आवेदन वापस आवेदक के पास भेज दिए जाते हैं, जिससे बहुत समय बर्बाद होता है. वैसे राजस्व विभाग ने सॉफ्टवेयर में सुधार किया है ताकि अंचल अधिकारी आवेदनों में गलतियों को खुद ठीक कर सकें.
राजस्व विभाग ने कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए एक खास पोर्टल भी बनाया है. इस पोर्टल पर अंचल अधिकारी अपने काम की रिपोर्ट डाल सकते हैं. इससे यह पता चल सकेगा कि कौन सा काम कितना हुआ है. विभाग का मानना है कि इससे दाखिल-खारिज का काम तेज होगा. राजस्व विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी है. साथ ही, सभी अंचल अधिकारियों को भी जल्द से जल्द लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार चाहती है कि जमीन सर्वेक्षण का काम बिना किसी रूकावट के पूरा हो.