पटना: बिहार में मौसम का मिजाज बिगड़ने के चलते राज्य में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण न केवल फसलों को नुकसान हो रहा है, बल्कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश का भी असर बिहार पर पड़ रहा है, जिससे नदियों में जलस्तर बढ़ने की संभावना प्रबल हो गई है।
गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, बिहार में गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। मुंगेर और भागलपुर जिलों में गंगा नदी का जलस्तर सबसे अधिक चिंताजनक है। भागलपुर जिले के कहलगांव में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर है, जबकि मुंगेर में यह 63 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन बारिश जारी रहने के कारण इसके बढ़ने की संभावना बनी हुई है। पटना के दीघाघाट में गंगा का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन बारिश के कारण जल्द ही इसमें वृद्धि होने का पूर्वानुमान है।
बूढ़ी गंडक और कोसी नदियाँ भी उफान पर
बिहार की अन्य महत्वपूर्ण नदियाँ भी खतरे के निशान पर पहुंच गई हैं। गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन इसमें 38 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। खगड़िया जिले में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर पहले ही खतरे के निशान से 102 सेंटीमीटर ऊपर जा चुका है। इसी तरह, कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी का जलस्तर 92 सेंटीमीटर ऊपर है। इन नदियों में लगातार बारिश के कारण जलस्तर और बढ़ने की संभावना बनी हुई है, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है।
— मौसम विज्ञान केंद्र, पटना (@imd_patna) September 27, 2024
प्रभावित जिलों में भारी बारिश
बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर और बांका जिलों में भारी बारिश के कारण स्थिति और खराब हो रही है। इन जिलों में अधिकतम 205 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में भी बारिश जारी रहेगी, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है।
बाढ़ अलर्ट और बचाव कार्य
राज्य के सभी 38 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें मुस्तैद हैं और प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं। संभावित बाढ़ क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की तैयारी की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है, क्योंकि खेतों में पानी भरने से फसलें भी बर्बाद हो रही हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, 28 सितंबर तक बिहार के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे नदियों के जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है। सरकारी एजेंसियाँ और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं।