बिहार

आम आदमी हो या कलेक्टर, एक्सीडेंट होने पर कार छोड़कर भाग जाते हैं, मधेपुरा डीएम पर उठे सवाल

मधेपुरा डीएम विजय प्रकाश मीणा के सरकारी वाहन ने मंगलवार सुबह करीब आठ बजे मधुबनी जिले के फुलपरास थाना चौक से पूरब एनएच-57 पर मां-बेटी समेत चार लोगों को कुचल दिया। घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें मां और तीन साल की मासूम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकी गंभीर रूपसे घायल दो मजदूरों में से एक ने इलाज के दौरान दरभंगा में दम तोड़ दिया। ग्रामीणों के अनुसार हादसे के बाद डीएम की गाड़ी के चालक समेत उसमें बैठे दो लोग मौके से भाग निकले। घटना से आक्रोशित लोगों ने एनएच-57 को जाम कर उग्र प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, डीएम विजय प्रकाश मीणा ने कहा कि उनकी गाड़ी मरम्मत के लिए गई थी, हादसे के समय वह उसमें मौजूद नहीं थे।

इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मसलन हादसे के वक्त गाड़ी के अंदर कौन था? गाड़ी ड्राइवर चला रहा था या कोई और? यदि ड्राइवर चला रहा था तो कहीं वह नशे में तो नहीं था? ड्राइवर के नशे के दौरान यदि हादसा हुआ तो मुश्किलें बढ़ जाती हैं और गंभीर धारा में केस दर्ज होता है। वहीं नशे में नहीं होने की पुष्टि हो जाती है तो फिर ड्राइविंग में गलती के कारण ड्राइवर बच जाता है। इस तरह के हादसों के बाद स्थानीय लोग काफी आक्रोशित हो जाते हैं। कई घटनाओं में हमने देखा होगा कि यदि ड्राइवर गुस्साई भीड़ के हत्थे चढ़ जाता है तो उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी जाती है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मधेपुरा डीएम की गाड़ी दरभंगा से मधेपुरा की ओर जा रही थी। इसी दौरान डीएम की गाड़ी ने एनएच पर सड़क की मार्किंग कर रही पेंटिंग मशीन में जोरदार टक्कर मारते हुए वहां काम कर रहे दो मजदूरों को चपेट में ले लिया। इसके बाद गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क किनारे चल रही मां-बेटी को रौंदते हुए एनएच की रेलिंग से जा टकरायी। हादसे में मां-बेटी की घटनास्थल पर ही हो मौत हो गई।

मृतका मां-बेटी की पहचान फुलपरास पुरवारी टोला निवासी रंजीत साह की पत्नी गुड़िया देवी (32) व पुत्री आरती कुमारी (3) के रूप में हुई है। बुरी तरह घायल दोनों मजदूरों  अशोक सिंह (58) और  राजू सिंह (50) को आनन-फानन में डीएमसीएच भेजा गया। अशोक सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि  राजू सिंह की स्थिति गंभीर बनी हुई है। दोनों मजदूर राजस्थान के जयपुर निवासी हैं।

हादसे के बाद घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि हादसे के तुरंत बाद चालक और उस पर सवार दो लोग गाड़ी छोड़कर भाग गए। दुर्घटना से आक्रोशित लोगों ने एनएच-57 जाम कर प्रदर्शन किया। लोग मुआवजा की मांग कर रहे थे। हादसे की सूचना मिलते हैं ही एसडीओ अभिषेक कुमार, एसडीपीओ सुधीर कुमार, थानाध्यक्ष ललन प्रसाद चौधरी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। लोगों जाम नहीं हटाने पर अड़े हुए थे। करीब दो घंटे के प्रयास के बाद स्थानीय लोगों की मदद से प्रशासनिक आश्वासन मिलने के बाद जाम हटाया जा सका। इसके बाद पोस्टमार्टम के लिए शव पुलिस को सौंपा गया। जाम के कारण सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी।

गाड़ी से डीएम लिखा बोर्ड हटाने पर भड़के लोग

फुलपरास एसडीओ का चालक दुघर्टनाग्रस्त वाहन पर लगे मधेपुरा डीएम के बोर्ड को हटाने का प्रयास कर रहा था। यह देखकर लोगों का आक्रोश भड़क गया। भीड़ ने एसडीओ के चालक के साथ धक्का-मुक्की की।

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