बिहारमोतिहारी

सोते रहे पुलिसकर्मी! अस्पताल में भर्ती कैदी ने शौचालय में लगाई फांसी, सुरक्षा व्यवस्था पर खड़े हुए गंभीर सवाल

मोतिहारी : मोतिहारी सेंट्रल जेल में हत्या के मामले में सजा काट रहे गोपालगंज के कुचायकोट के सजायाफ्ता कैदी एहसान अली उर्फ भोला मियां ने गले में फंदा लगाकर गुरुवार को आत्महत्या कर ली। सेंट्रल जेल में घटी इस घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और दंडाधिकारी की उपस्थिति में फोरेंसिक की टीम ने शव को फंदे से उतारा।

तीन अप्रैल 2019 को हत्या के मामले में सजायाफ्ता बंदी मंडल कारा गोपालगंज से मोतिहारी सेंट्रल जेल लाया गया था। इसी बीच जेल में  5 जुलाई 2023 को उसकी तबीयत काफी बिगड़ी गई। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया था।

बताया गया है कि भोला गुरुवार सुबह बेड से उतरा और कैदी वार्ड के शौचालय में जाकर बेड के चादर से बने फंदे को गले में डालकर खिड़की से लटक गया। घटना की सूचना मिलने के साथ नगर थाना के पुलिस निरीक्षक विश्व मोहन चौधरी व जेल प्रशासन के लोग पहुंचे।

इसके बाद इसकी सूचना फोरेंसिक टीम को दी गई। सूचना के बाद पहुंचे विधि विज्ञान प्रयोगशाला मुजफ्फरपुर की टीम ने शव को नीचे उतारा। शव उतारने के बाद सैंपल लिए गए। दंडाधिकारी मणिभूषण प्रसाद की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया।

पिछले कुछ दिनों से परेशान था बंदी

पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि सदर एसडीओ व सदर डीएसपी श्री राज ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की है। एसपी ने बताया कि शुरुआती जांच में यह पता चला है कि वह बंदी पिछले कुछ दिनों से काफी परेशान चल रहा था। इस बिंदु पर भी पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है।

ग्रामीण जितेंद्र यादव हत्या में शामिल था भोला

बंदी के बारे में पूछे जाने पर जेल अधीक्षक विदु कुमार ने बताया है कि 2016 में भोला पर अपने ही गांव के जितेन्द्र यादव की पीट-पीटकर हत्या कर शव को बोरा में कसने का आरोप लगा था। मामले में कुचायकोट थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

2018 में इस हत्याकांड में गोपालगंज न्यायालय के द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। सजा होने के बाद उसे तीन अप्रैल 2019 को मंडल कारा गोपालगंज से केंद्रीय कारा मोतिहारी लाया गया था।

यहां से उसे इलाज के लिए लाया गया। इस बीच उसने गुरुवार की सुबह पांच बजकर पांच मिनट पर बेड का चादर फाड़कर बाथरूम के बगल की खिड़की से फंदा लगा आत्महत्या कर ली।

सुरक्षा-व्यवस्था पर उठे सवाल

सदर अस्पताल में बनाए गए कैदी वार्ड में कुल छह बंदी थे। बंदियों की सुरक्षा के लिए एक जमादार और चार जवानों की तैनाती है। पुलिस कर्मियों की तैनाती के बावजूद बंदी वार्ड से निकला और आत्महत्या कर ली।

इस घटना के बाद पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं। मामले में सुरक्षा कर्मियों के स्तर की लापरवाही की जांच शुरू की गई है। एसपी की ओर से जारी निर्देश के आलोक में सदर डीएसपी मामले की जांच कर रहे है ।

भाई ने लगाया कारा प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

बंदी के मौत की सूचना पर उसके भाई सलमान आलम, मुस्तफा, अकबर अली, आबिद हुसैन आदि सदर अस्पताल पहुंचे। भाई सलमान ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि कारा प्रशासन की ओर से लापरवाही की गई है।

उसने कहा कि दो दिन पहले मैंने अपने भाई से बात की थी। उस दिन वह बीमार नहीं था। इस बीच अचानक क्या हुआ कोई सूचना नहीं मिली। अचानक से जेल प्रशासन ने सूचना दी कि मेरे भाई की मौत हो गई है।

input- jagaran

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