Guruwar Vrat: गुरुवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए, जानिए क्या है व्रत का सही नियम
Guruwar Vrat Niyam: हिंदू धर्म में गुरुवार के व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने और व्रत रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं। दरअसल, सप्ताह का गुरुवार का दिन प्रभु विष्णु नारायण और बृहस्पति देव को समर्पित है। ऐसे में इस दिन उपवास और पूजा का महत्व और बढ़ जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, गुरुवार का व्रत रखने से विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा विवाह संबंधी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। तो अगर आप भी गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो उससे पहले इस व्रत से जुड़े नियम के बारे में जान लीजिए।
इस दिन से शुरू करें गुरुवार का व्रत
पौष महीने में गुरुवार का व्रत शुरू नहीं करना चाहिए। गुरुवार का व्रत शुरू करने के लिए अनुराधा नक्षत्र और महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि शुभ मानी जाती है। कहा जाता है कि इन तिथि में गुरुवार का व्रत शुरू करने से विष्णु जी और बृहस्पति देव की अपार कृपा मिलती है। वहीं जो जातक पहले से गुरुवार का व्रत करते आए हैं तो पौष मास में पूजा और व्रत कर सकते हैं।
कितने गुरुवार का व्रत करना चाहिए?
गुरुवार का व्रत महिला और पुरुष दोनों रख सकते हैं। कुछ लोग अपनी मन्नत पूरी होने तक यह व्रत रखते हैं। 16 गुरुवार का व्रत अच्छा माना जाता है। इसके अलावा 1, 3, 4, 7 या एक साल तक रख सकते हैं।
Ekadashi 2024: कहीं छूट न जाए साल 2024 की पहली एकादशी का व्रत, यहां जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
गुरुवार पूजा नियम
- गुरुवार के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद भगवान विष्णु जी और बृहस्पति देव का ध्यान करें।
- गुरुवार व्रत प्रभु नारायण को पीले वस्त्र, फूल, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं।
- इसके बाद गुरुवार व्रत की कथा पढ़ें।
- पूजा में केला और केले के पत्ते का उपयोग जरूर करें।
- पूजा के बाद विष्णु जी की आरती करें।
- गुरुवार व्रत में दिन में एक बार बिना नमक का भोजन ग्रहण कर सकते हैं।